मेरठ मेडिकल कॉलेज मे आई ए एस अपर्णा यू, सचिव, चिकित्सा शिक्षा, उत्तर प्रदेश शासन ने मेडिकल कॉलेज मेरठ एवं सरदार वल्लभभाई पटेल चिकित्सालय मेडिकल कॉलेज मेरठ का निरीक्षण किया। सचिव महोदया ने इमरजेंसी वार्ड, पी एम एस एस वाई ब्लॉक,चिकित्सालय, हॉस्टल, सीसीटीवी कंट्रोल रूम, टेली आई सी यू, नर्सिंग कॉलेज आदि का पूर्ण रूप से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सचिव महोदया ने विभिन्न वार्डों जैसे इमरजेंसी वार्ड, शल्य चिकित्सा विभाग वार्ड, बाल रोग विभाग वार्ड आदि में भर्ती मरीजों से उनके विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे इलाज एवं सरकार द्वारा प्रदत्त की जा रही दवाइयां आदि के संबंध में बात की। सचिव महोदया ने नर्सिंग कॉलेज का भ्रमण किया। जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों हेतु दी जा रही सुविधाएं जैसे लेक्चर थियेटर, स्किल लैब आदि का भ्रमण किया तत्पश्चात सचिव महोदय ने मेडिकल कॉलेज मेरठ के सभी संकाय सदस्यों के साथ बैठक की एवं सभी संकाय सदस्यों को महोदया ने कॉलेज के विकास एवं अन्य किसी सुविधा/असुविधा के संबंध में बातचीत की। बैठक के दौरान प्राचार्य महोदय ने मेडिकल कॉलेज में चल रहे कार्यों, उपलब्धियों तथा भविष्य की योजना आदि के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया। सचिव महोदया ने सभी संकाय सदस्यों को उनके द्वारा किए जा रहे कार्य हेतु प्रोत्साहित किया एवं साथ ही साथ कहा कि अपने-अपने कार्यों को करते हुए हम सभी को गर्व महसूस करना चाहिए। निरीक्षण के दौरान कुछ मरीजों ने मेडिकल कॉलेज में पानी की आपूर्ति के बाधित होने के संबंध में सचिव महोदया को अवगत कराया। प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने उपरोक्त के संबंध में बताया कि अचानक एक पाइपलाइन के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण पानी की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है एवं पानी की पाइपलाइन को ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। सचिव महोदया की मरीज़ो से वार्तालाप में मरीजों ने उनको बताया कि मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उनका बहुत अच्छा एवं बेहतर इलाज किया है। ज्यादातर मरीज प्राइवेट चिकित्सालयों में इलाज करा कर अंततः मेडिकल कॉलेज मेरठ में भर्ती हुए एवं उन्हें हर सुविधा का पूर्ण रूप से लाभ दिया गया। निरीक्षण के दौरान सचिव महोदया ने स व भा प चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग में डायबिटिक रेटिनोपैथी केंद्र का निरीक्षण किया। मेडिकल कॉलेज मेरठ में
डायबिटिक रेटिनोपैथी बीमारी का भी इलाज किया जाता है।
नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ लोकेश सिंह ने बताया कि यह एक गंभीर आंखों की बीमारी है जो मधुमेह के कारण होती है। यह रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे दृष्टि हानि और अंधापन हो सकता है।इसके लक्षण धुंधला दिखना, दोहरा दिखना, रंगों की पहचान करने में कठिनाई, रात को देखने में कठिनाई, आंखों में दर्द, मोतियाबिंद आदि होते है। सचिव महोदया ने रेडियोथेरेपी विभाग में लिनियक एक्सलेट्र के बंकर हेतु निर्माण इस्थल का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज मेरठ के उप प्राचार्य डॉ ज्ञानेश्वर टाँक, स व भा प चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ धीरज बालियान, डॉ दिनेश राणा, डॉ यासमीन उस्मानी, डॉ प्रेम प्रकाश मिश्रा, डॉ नवरत्न गुप्ता, डॉ राहुल सिंह, प्रशासनिक अधिकारी ओमपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।